पौराणिक
शहर बक्सर के
चरित्रवन स्थित
सोमेश्वर स्थान
पर गंगा
किनारे 7
दिसंबर से
होने वाले शतमुख कोटिहोमात्मक
श्रीराम महायज्ञ की तैयारियां
परवान पर है। इसके लिए वहां
करीब सौ कारीगरों व स्वयं
सेवकों के दल को तैनात किया
गया है, जो
दिन-रात
निर्माण कार्य
में जुटे हैं। इनके द्वारा
काफी मेहनत-मशक्कत
कर यज्ञशाला एवम्
प्रवचन मंडप के अलावा अन्य
कार्यो को अंतिम रूप दिया जा
रहा है। यज्ञ
स्थल पर रविवार को इसकी जानकारी
देते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष
आर के राय और सचिव राजवंश
तिवारी ने बताया कि नौ दिवसीय
श्रीराम महायज्ञ
का शुभारंभ वाराणसी स्थित
श्रीमठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु
रामानंदाचार्य स्वामी
रामनरेशचार्य जी महराज के
सान्निध्य में 7
दिसंबर को
भव्य कलश यात्र के साथ
होगा। जिसका समापन समष्टि
भंडारे के साथ 15
दिसंबर को
होगा। उन्होंने बताया कि
सौ कुंडीय महर्षि
विश्वामित्र नामक यज्ञशाला
का निर्माण चौदह कट्ठा भूमि
पर कराया
जा रहा है। यज्ञ
मंडप पांच मंजिला बना है।
यज्ञशाला के समीप ही
वशिष्ठ मुनि
के नाम पर विशाल सभागार बनाया
जा रहा है। जिसमें संत समागम
के अलावा रासलीला,
रामलीला एवम्
अन्य विविध
सांस्कृतिक कार्यक्रम
आयोजित होंगे। इस मौके पर
समिति के प्रवक्ता राकेश कुमार
राय ‘कल्लू’, योगेश
राय, सोमेश्वरनाथ
मंदिर के महंत संजय दास,
सिद्धनाथ राय,
प्रमोद पांडेय,
जितेन्द्र
गिरी, प्रचार
प्रभारी डा.रमेश
कुमार, मनोज
पांडेय, जितेन्द्र
पांडेय, नंदू
पांडेय, अनिल
पांडेय, हरेन्द्र
यादव व विजय तिवारी
आदि लोग मौजूद थे।
बक्सर की ऐतिहासिक धरती पर होने वाला ये अपने तरह का पहला यज्ञ है जिसमें देश के जाने-माने संत-महात्मा और धर्माचार्य सम्मिलित होंगे। प्रभु श्रीरा्म की शिक्षाभूमि पर इस बार रामानंद संप्रदाय के मूल आचार्यपीठ की ओर से ये आयोजन हो रहा है, जिसे लेकर इलाके में भारी उत्साह है।
बक्सर की ऐतिहासिक धरती पर होने वाला ये अपने तरह का पहला यज्ञ है जिसमें देश के जाने-माने संत-महात्मा और धर्माचार्य सम्मिलित होंगे। प्रभु श्रीरा्म की शिक्षाभूमि पर इस बार रामानंद संप्रदाय के मूल आचार्यपीठ की ओर से ये आयोजन हो रहा है, जिसे लेकर इलाके में भारी उत्साह है।
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