Wednesday, December 4, 2013

पापों के प्रायश्चित को आध्यात्म की शरण में बंदी





क्सर के चरित्रवन में आयोजित शतमुख कोटिहोमात्मक श्रीराम महायज्ञ स्थल पर ओपेन जेल के बंदी पापों के प्रायश्चित को श्रम दान में लगे हैं। आयोजन समिति के निर्देश पर वे कार्य कर रहे हैं। इनका कार्य पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। यज्ञ स्थल पर कार्य करने से बंदियों को आत्मिक शांति प्राप्त हो रही है। इस अाध्यात्मिक कार्य से जुड़कर वे अपने को स्वच्छ समाज के नागरिक के रुप में ढालने का प्रयास कर रहे हैं। बंदियों की मानें तो सरकार के पहल से उन्हे मुक्त कारागार में रहने की आजादी मिली है। इसी से वे कैद में होते हुए भी सामाजिक परिवेश में अपने में हुए बदलाव को सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं । इस संबंध में अनिल सिंह एवं नारायण सिंह ने बताया कि बाहर कार्य करने के दौरान संतो का प्रवचन सुनने को मिला इससे हमारी बुद्धि में बदलाव हुआ है। यज्ञकार्य में श्रम करने में हमें काफी आनंद आ रहा है। इससे पहले किसी के चढ़ाने-बढ़ाने व जाने-अनजाने में जो अपराध हमलोगों ने किया है। वह माफी के काबिल नहीं था। हमलोग समाज व कानून दोनों के अपराधी थे। इस यज्ञ से हमें समाज के मुख्य धारा में जुड़ने का मौका मिला है। सभी हमें अपराधी के नजर से देख रहे थे। जिससे समाज हमें स्वीकार नही कर पा रहा था। ऐसे में आयोजक व सरकार के हमलोग अभारी है। श्रमदान करने वालों में ओम प्रकाश पासवान, मनोज पासवान, बिहारी महतो, महानंद यादव, गजलवा हलवाई, मुकुंददेव राउत व बड़ों बिल्दार आदि शामिल थे- सौजन्य- दैनिक जागरण,दिनांक- 5-12-2013

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