महर्षि विश्वमित्र की पावन तपोभूमि बक्सर में पतित-पावनी गंगा के तट पर होने जा रहे शतमुख कोटिहोमात्मक श्रीराम महायज्ञ की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में है। सात मंजिले यज्ञशाला और मुख्य़ पंडाल का निर्माणकार्य लगभग पूरा हो गया है। सौ हवनकुंडों के निर्माण में भी कारीगर दिन-रात लगे हुए हैं।सबसे खास बात ये है कि यज्ञ की तैयारियों में बक्सर ओपेन जेल के दो दर्जन से ज्यादा कैदी भी लगे हैं जो विभिन्न अपराधों में सजायाफ्ता हैं। ऐसे कैदियों का मानना है कि धर्मकार्य में भाग लेने से उनके पाप कम होंगे और जीवन में शांति और सदभाव कायम होगा। जेल प्रशासन ने उन्हें पू्र्व के अपराधों के प्रायश्चित के लिए इस काम में लगाया है ताकि वे समाज जीवन की मुख्यधारा से अपने को जोड़ सकें।
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Yagya Mandap |
महायज्ञ में सौ हवनकुंड बनेंगे जिसमें एक करोड़ आहुतियां दी जानी है। संत-महात्माओं के प्रवचन से पूरे नौ दिनों तक भक्ति की रसधारा मां गंगा के समानांतर बहने वाली है। इसके अलावे रामलीला और रासलीला की प्रसिद्ध मंडलियों की प्रस्तुति भी श्रद्धालुओं को देखने-सुनने को मिलेगी।
रामभक्ति की सगुण एवम् निर्गुण धारा के मूल पीठ और रामानंदी वैष्णवों के आचार्यपीठ-श्रीमठ, पंचगंगा घाट,काशी के इस आयोजन में देश भर के जाने-माने संत-महात्मा और धर्माचार्य भाग लेेने वाले हैं।
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Swami Ramnareshacharya in Buxar |
श्रीराम महायज्ञ के संकल्पक जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी श्रीरामनरेशाचार्यजी महाराज स्वयं भी बक्सर पहुंच गये हैं। उनका कहना है कि इस यज्ञ से बक्सर सहित आसपास के इलाके में धार्मिक वातावरण बनेगा और आम लोगों में कृतज्ञता ज्ञापन का भाव बढ़ेगा जिसका आजकल भारी अभाव हो गया है। उन्होंने कहा कि यज्ञ में देवताओं और प्रकृति को आहुतियों के माध्यम से हम कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। जो भगवान वायु, आकाश और अग्नि के रुप में हमारी सहायता करते हैं और जीवन को आधार प्रदान करते हैं, हम उनके लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन इस यज्ञ के माध्यम से करते हैं।
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Swami Ramnareshacharya near Yagya Mandap |
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