आदि जगदगुरु रामानंदाचार्य की 715वीं जयंती पर
23 जनवरी,2013 को अनुयायियों
ने पूजन अनुष्ठान किया। गीत
संगीत गूंजे, नृत्य
से भावांजलि दी और शोभायात्र
भी निकाली। काशी स्थित रामानंद सम्प्रदाय
की मूल आचार्य पीठ- श्रीमठ में
पीठाधीश्वर जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्रीरामनरेशाचार्यजी महाराज
ने सुबह चरण पादुका पूजन किया।
षोडशोपचार विधि से पूजा-अर्चना
की गई। सम्पूर्ण वैदिक कर्मकांडों का संपादन पं. त्रिलोकीनाथ
जेतली कराया।
चारों वेदों की ऋचाओं का पारायण
भी किया गया। शाम को गौरव मिश्र
ने बधाई के गीत गाए। डा. ममता
टंडन, रवि शंकर मिश्र
व गौरव सौरव मिश्र ने कथक से
गुरु वंदना के भाव सजाए। शिव
व यशोदा पर आधारित नृत्य किया।
तबला पर भोलानाथ मिश्र,
हारमोनियम पर गौरव
मिश्र, सितार पर
ध्रुवनाथ मिश्र, सहनृत्य
में सूफी व मांडवी ने साथ दिया।
संयोजन विधान बाबा ने किया। दो दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन अर्थात 24 जनवरी को विशाल संत-सम्मेलन का आयोजन किया गया है। साथ ही वरिष्ठ पत्रकार आनंद मिश्र को समारोह में जगदगुरु रामानंदाचार्य पुरस्कार भी दिया जाएगा।
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