महर्षि
विश्वामित्र की तपोभूमि बक्सर
में एक विराट श्रीराम महायज्ञ
करने का संकल्प जगदगुरु
रामानंदाचार्य स्वामी
श्रीरामनरेशाचार्य जी महाराज
ने लिया। आगामी सात दिसम्बर
से 15 दिसम्बर,2013
तक चलने वाले
यज्ञ में देश भर से शीर्ष
संत-महात्मा,
श्रीमहंत,
भजन गायक और
सुख्यात लीला मंडली के कलाकार
भाग लेंगे। कई शताब्दी बाद
धर्मनगरी बक्सर में इस तरह
का भव्य यज्ञ देखने और उसमें
भाग लेने का सुअवसर सनातन
धर्मावलम्बियों को प्राप्त
होगा। इस यज्ञ का नाम शतमुख
कोटि होमात्मक श्रीराम महायज्ञ
होगा। इसमें सौ हवन कुंड बनेंगे
जिसमें एक करोड़ आहुतियां
डाली जाएंगी। सबसे बड़ी बात
ये है कि यह यज्ञ उस पीठ की ओर
से हो रहा है जिसे देश में
रामभक्ति परंपरा और रामानंद
संप्रदाय का मूल आचार्यपीठ
का गौरव हासिल है। यज्ञ के
संकल्पक स्वयं वर्तमान जगदगुरु
रामानंदाचार्य स्वामी
श्रीरामनरेशाचार्य जी महाराज
हैं, जो
रामावत संप्रदाय के जगदगुरु
हैं। यज्ञ को ऐतिहासिक स्वरुप
देने के लिए महाराज श्री ने
11 जून को
बक्सर का दौरा किया और वहां
यज्ञ तैयारी समिति से जुड़े
स्थानीय लोगों के साथ बैठक
की। ईटीवी से बातचीत के दौरान
महाराज श्री ने यज्ञ के स्वरुप
और तैयारियों के बाबत जो जानकारी
दी ,उसे
उन्हीं की भाषा में यहां आप
सुन सकते हैं।
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