Sunday, October 9, 2016

प्रेरक कथा- जो जपता है राम का नाम, राम जपते हैं उसका नाम

रामनाम


प्रसिद्ध संत शिवानंद निरंतर राम का नाम जपते रहते थे। एक दिन वे जहाज पर यात्रा के दौरान रात में गहरी नींद में सो रहे थे। आधी रात को कुछ लोग उठने लगे और आपस में बात करने लगे कि ये राम नाम कौन जप रहा है। लोगों ने उस विराट, लेकिन शांतिमय आवाज की खोज की और खोजते-खोजते वे शिवानंद के पास पहुँच गए।

सभी को यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ की शिवानंद तो गहरी नींद में सो रहे है, लेकिन उनके भीतर से यह आवाज कैसे निकल रही है। उन्होंने शिवानंद को झकझोर कर उठाया तभी अचानक आवाज बंद हो गई। लोगों ने शिवानंद को कहा आपके भीतर से राम नाम की आवाज निकल रही थी इसका राज क्या है। उन्होंने कहा मैं भी उस आवाज को सुनता रहता हूँ। पहले तो जपना पड़ता था राम का नाम अब नहीं। बोलो श्रीराम।

‘राम’ यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। राम कहने मात्र से शरीर और मन में अलग ही तरह की प्रतिक्रिया होती है जो हमें आत्मिक शांति देती है। हजारों संत औरमहात्माओं ने राम का नाम जपते-जपते मोक्ष को पा लिया है।ईश्वर-नाम की महिमा साक्षात ईश्वर से भी महान है। समर्थ रामदास स्वामी ने ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ इस त्रयोदशाक्षरी मंत्र के तेरह करोड़ जाप किए और उन्हें भगवान श्रीराम के साक्षात दर्शन हुए। ईश्वर-नाम की महिमा अपरंपार है ,इस कलयुगमें राम नाम ही सुख शांति का मार्ग है और राम नाम ही इस जीवन रूपी सागर से पार उतार सकता है। क्योंकि श्वास कब पूरे हो जाएं यह कोई नहीं जानता। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को सच्चे मन से राम नाम का जाप करना चाहिए। प्राचीन काल में सबरी,गिद्धव अजामिलका राम नाम ने ही उद्धार किया था। राम नाम के संकीर्तन बिना जीवन रूपी भवसागर से पार नहीं उतरा जा सकता।

कहते हैं कि कलयुग में सब कुछ महँगा है, लेकिन राम का नाम ही सस्ता है। सस्ता ही नहीं सभी रोग और शोक की एक ही दवा है राम। वर्तमान में ध्यान, तप, साधना और अटूट भक्ति करने से भी श्रेष्ठ राम का नाम जपना है। भागमभाग जिंदगी, गलाकाट प्रतिस्पर्धा, धोखे पर धोखे, माया और मोह आदि सभी के बीच मानवता जब हताश और निराश होकर आत्महत्या करने लगती है तब सिर्फ राम नाम का सहारा ही उसे बचा सकता है।

कहते हैं जो जपता है राम का नाम राम जपते हैं उसका नाम।

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