बक्सर के
चरित्रवन स्थित
सोमेश्वर स्थान
पर पावन गंगा
के तट पर 7
दिसंबर से
प्रस्तावित शतमुख कोटिहोमात्मक
श्रीराम महायज्ञ में देश के
दर्जनों विद्वान, धर्माचार्य
और मठाधीश पहुंचेंगे
और अपने श्रीमुख
से ज्ञान की गंगा प्रवाहित
करेंगे। साथ ही नौ
दिवसीय धर्म के
इस विराट आयोजन में
शिरकत करते हुए वैदिक सनातन
धर्म के गूढ़ रहस्यों को
बताएंगे।श्रीराम
भक्ति परंपरा और रामानंद
संप्रदाय के मूल आचार्यपीठ
श्रीमठ, पंचगंगा,
काशी पीठाधीश्वर
जगद्गुरु रामानंदाचार्य
स्वामी रामनरेशाचार्य जी
महाराज के सान्निध्य में इस
महायज्ञ का आयोजन किया गया
है। जिसमें देश के कोने-कोने
से संतोंतों
तोोतों विद्वानो
के आने की अनुमति मिल चुकी है।
महायज्ञ
आयोजन समिति के अध्यक्ष
आर.के.राय,
सचिव राजवंश
तिवारी एवम्
मीडिया प्रभारी डा.रमेश
कुमार ने बताया कि यज्ञ के
दौरान गोवर्धनपीठ,
पुरी के जगद्गुरु
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद
सरस्वती जी
महाराज,
वृंदावन के
मलूक पीठाधीश्वर
द्वाराचार्य
डा.राजेन्द्र
दास जी महाराज, पंजाब
के पिंडोरीधाम से रघुवीर दास
जी महाराज, जोधपुर
के स्वामी अचलानंद जी महाराज,
मैहर के सिया
शरण जी, सूरत
(गुजरात)
के जगन्नाथ
दास, अयोध्या
के दिगंबर
अखाडा़ के श्रीमहंत सुरेश
दास जी , स्वामी
गयामनंद दास,
वृंदावन के
रामस्वरूप व महामंडलेश्वर
बलरामदास,
प्रेमदास जी
महाराज, हरिद्वार
के रामानंद आश्रम के महामंडलेश्वर
श्रीभगवान दास समेत
कई अन्य
जाने-माने
संत-महंतों
के यज्ञ में
पधारने स्वीकृति प्राप्त हो
चुकी है।
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