बक्सर
के चरित्रवन स्थित सोमेश्वर
स्थान पर 7 दिसंबर
से शुरू होने वाले नौ दिवसीय
शतमुख कोटिहोमात्मक श्रीराम
महायज्ञ की तैयारियां शुरू
कर दी गई है। जिसके तहत यज्ञ
मंडप व प्रवचन पंडाल आदि निर्माण
का काम जोर पकड़ने लगा है।
यज्ञ का आयोजन जगद्गुरु
रामानंदाचार्य स्वामी
रामनरेशाचार्य जी महाराज के
सान्निध्य में हो रहा है।
गुरुवार को श्री पीठ काशी से
पधारे महाराज श्री ने तैयारियों
का जायजा लिया तथा आयोजक मंडल
को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
गत 21 नवम्बर
को बक्सर पधारे महाराज श्री
ने कहा कि यज्ञ का उद्देश्य
वैदिक सनातन धर्म के माध्यम
से सामाजिक सद्भाव बनाते हुए
जन कल्याण करना है। यज्ञ के
बारे में पत्रकारों को जानकारी
देते हुए स्वामी जी ने कहा कि
वैदिक शास्त्रीय विधान के
अनुसार एक सौ कुंडीय यज्ञ का
ही महत्व है। उन्होंने बताया
कि सभी कुंडों पर चार-चार
जोड़े दंपति एक-एक
आचार्य के निर्देशन में एक
करोड़ आहूतियां देंगे। उन्होंने
बताया कि वैदिक प्रवर विनायक
मंगलेश्वर बादल ‘घनपाठी’ व
दत्तात्रये नारायण रहाटे के
आचार्यत्व में महायज्ञ संपन्न
होगा। इस मौके पर समिति के
अध्यक्ष आर.के.राय,
उपाध्यक्ष प्रभु
प्रसाद गुप्ता, सुरेन्द्र
राय व दिनेश राय के अलावा सचिव
राजवंश तिवारी, हरेन्द्र
कुमार सिंह, मीडिया
प्रभारी डा.रमेश
कुमार, सह सचिव योगेश
राय व चंद्रश्वेर पांडेय,
कोषाध्यक्ष सत्येन्द्र
पांडेय के अलावा जवाहर पासवान,
काशीनाथ प्रसाद,
संजय दास, रामव्रत
सिंह, विभूति नारायण
राय, शिव नायक सिंह,
सिद्धनाथ राय, देव
नारायण शर्मा, राजाराम
शास्त्री, जितेन्द्र
गिरी, भालचंद्र
बादल, लाल दास,
आचार्य फूलेन्द्र
सिंह, प्रदीप पाठक
व उपेन्द्र पाठक आदि मौजूद
थे।
Wednesday, November 27, 2013
श्रीराम महायज्ञ में बहेगी भक्ति की धारा
बक्सर के
चरित्रवन स्थित
सोमेश्वर स्थान
पर पावन गंगा
के तट पर 7
दिसंबर से
प्रस्तावित शतमुख कोटिहोमात्मक
श्रीराम महायज्ञ में देश के
दर्जनों विद्वान, धर्माचार्य
और मठाधीश पहुंचेंगे
और अपने श्रीमुख
से ज्ञान की गंगा प्रवाहित
करेंगे। साथ ही नौ
दिवसीय धर्म के
इस विराट आयोजन में
शिरकत करते हुए वैदिक सनातन
धर्म के गूढ़ रहस्यों को
बताएंगे।श्रीराम
भक्ति परंपरा और रामानंद
संप्रदाय के मूल आचार्यपीठ
श्रीमठ, पंचगंगा,
काशी पीठाधीश्वर
जगद्गुरु रामानंदाचार्य
स्वामी रामनरेशाचार्य जी
महाराज के सान्निध्य में इस
महायज्ञ का आयोजन किया गया
है। जिसमें देश के कोने-कोने
से संतोंतों
तोोतों विद्वानो
के आने की अनुमति मिल चुकी है।
महायज्ञ
आयोजन समिति के अध्यक्ष
आर.के.राय,
सचिव राजवंश
तिवारी एवम्
मीडिया प्रभारी डा.रमेश
कुमार ने बताया कि यज्ञ के
दौरान गोवर्धनपीठ,
पुरी के जगद्गुरु
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद
सरस्वती जी
महाराज,
वृंदावन के
मलूक पीठाधीश्वर
द्वाराचार्य
डा.राजेन्द्र
दास जी महाराज, पंजाब
के पिंडोरीधाम से रघुवीर दास
जी महाराज, जोधपुर
के स्वामी अचलानंद जी महाराज,
मैहर के सिया
शरण जी, सूरत
(गुजरात)
के जगन्नाथ
दास, अयोध्या
के दिगंबर
अखाडा़ के श्रीमहंत सुरेश
दास जी , स्वामी
गयामनंद दास,
वृंदावन के
रामस्वरूप व महामंडलेश्वर
बलरामदास,
प्रेमदास जी
महाराज, हरिद्वार
के रामानंद आश्रम के महामंडलेश्वर
श्रीभगवान दास समेत
कई अन्य
जाने-माने
संत-महंतों
के यज्ञ में
पधारने स्वीकृति प्राप्त हो
चुकी है।
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