जयपुर में सावन की अंतिम सोमवारी पर जगदगुरु रामनरेशाचार्य का भव्य रुद्राभिषेक अनुष्ठान
जयपुर, 16 अगस्त।
सावन की अंतिम सोमवारी पर जयपुर के बनीपार्क स्थित खण्डाका हाउस में दिन भर धार्मिक प्रवृतियों की धूम रही। सुबह में चातुर्मास व्रतधारी जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य ने अपनी धर्म की दैनिक प्रवृतियों मसलन हवन, पूजन आदि को संपादित किया। दैनिक स्वाध्याय का क्रम भी रोज की तरह पूरा हुआ और दोपहर बाद भव्य रुद्राभिषेक का अनुष्ठान सम्पन्न हुआ।
श्रीमठ, पंचगंगा घाट, काशी की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक सावन माह की अंतिम सोमवारी पर रामानंद संप्रदाय के मूल आचार्यपीठ के वर्तमान आचार्य और जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज ने विधि-विधान से भगवान शिव की अराधना की। षोडशोपचार पूजा के पश्चात संतों-भक्तों और सदगृहस्थों की उपस्थिति में भगवान भोले का भव्य रुद्राभिषेक किया। इस मौके पर काशी से गये वैदिक ब्राह्मणों की टोली और राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के अध्यापकों ने सविधि पूजा संपन्न करायी। सस्वर मंत्रोच्चार से लगातार तीन घंटे तक पूरा वातावरण शिवभक्ति में ओतप्रोत रहा। बाद में भव्य महाआरती भी हुई।
इससे पूर्व अपने प्रवचन में जगदगुरु स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज ने सावन मास की सोमवारी के दिन शिव पूजा की महिमा का शास्त्रीय विधि से प्रतिपादन किया। उन्होंने रुद्रावतार की कथा को भी विस्तार से भक्तों के बीच रखा।
आज के भव्य रुद्राभिषेक को संपादित करने में काशी से गये पण्डित उपेन्द्र मिश्र के नेतृत्व में वैदिकों की टोली ने अहम भूमिका निभायी। जगदगुरु रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के आचार्य शास्त्री कोसलेन्द्र दास ने पूरे कार्यक्रम का संयोजन किया।
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