Saturday, July 24, 2021

जयपुर चातुर्मास महोत्सव- गुरु पूर्णिमा

 


शिष्य को शोक-मोह की बीमारी से दूर करना ही गुरु का असली काम- जगदगुरु स्वामी रामनरेशाचार्य

*देवकुमार पुखराज


जयपुर, 24 जुलाई।

काशी के पंचगंगा घाट स्थित श्रीमठ पीठाधीश्वर और जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज का चातुर्मास्य अनुष्ठान आज से जयपुर के खण्डाका हाउस में विधि पूर्वक आरंभ हो गया। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सुबह से देर शाम तक पूजन, हवन और प्रवचन के कार्यक्रम चलते रहे और पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा।


 

शोक-मोह की वैक्सिन है शरणागति-

दोपहर में और फिर अपने संध्याकालीन प्रवचन में जगदगुरु स्वामी रामनरेशाचार्य जी ने कहा कि गुरु का काम सांसारिक मोह और शोक की बीमारी से शिष्य को दूर करना है और यह काम केवल और केवल भक्ति और शरणागति के द्वारा ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि शोक-मोह नामक बीमारी की वैक्सिन भक्ति और शरणागति है। गुरु वहीं वैक्सिन अपने शिष्यों को देता है। स्वामी रामनरेशाचार्य ने कहा कि धर्मगुरु का काम शिष्य के अज्ञान को हरना और उसके भीतर धर्म और आध्यात्म की ज्योति को जलाना है। आध्यात्मिक तत्व को प्रतिष्ठित करना है। हमारा काम यह बताना नहीं है कि नौकरी कैसे लगे और व्यापार में कैसे धन कमाया जाए। हम तो जीवन की जो सबसे बड़ी और अंतिम कामना है, उस मोक्ष के मार्ग को सिखाते और बतलाते हैं।

वेद मार्ग ही मानवता के लिए उपयोगी-

स्वामी रामनरेशाचार्य ने आगे कहा कि वेदों में वर्णित सिद्धांत मानवता के लिए सदा उपयोगी और प्रासंगिक हैं। उस पथ पर चलकर और उनको जीवन में उतार कर ही मानव शांति और समानता के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। स्वामी रामनरेशाचार्य ने कहा कि परमेश्वर स्वयं ही मानव के कल्याण के लिए वेदव्यास के रुप में धराधाम पर प्रगट हुए। जिन्होंने मानव समाज को महाभारत और पुराणों जैसे कालजयी ग्रंथ दिये और विश्व साहित्य में सबसे पुराने वेदों का विभाजन किया।

चातुर्मास व्रत में विधि विधान से पूजा-

चातुर्मास के आरंभ में शनिवार को रामनरेशाचार्य ने खण्डाका हाउस में सबसे पहले गणपति-गौरी, नवग्रह, सप्तऋषि और आचार्य परंपरा का वैदिक विधि-विधान से पूजन किया। इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से आए श्रीमठ के भक्तों ने जगदगुरु रामनरेशाचार्य का पूजन किया। रामानंदाचार्य आध्यात्मिक मंडल, जयपुर के अध्यक्ष गजानन अग्रवाल ने बताया कि स्वामी रामनरेशाचार्य के प्रवचन प्रतिदिन शाम छह बजे से शहर के बनीपार्क स्थित खंडाका हाउस में होंगे।

महाराजश्री का पूजन कार्यक्रम राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के वरीय प्राध्यापक डॉ. शास्त्री कोसलेन्द्र दास और वाराणसी से आए पण्डित उपेन्द्र मिश्र की देखरेख में संपन्न हुआ।    

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