Saturday, March 12, 2011



जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज
स्वामीजी


स्वामी रामवल्लभ शरण, कन्याकुमारी


रामेश्वरम के रामानंद आश्रम में महाराजश्री
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स्वामीजी के साथ भगवानदास, हरिद्वार


मीनाक्षी मंदिर, मदुरै में


हरिद्वार के श्री महंत कन्याकुमारी में


स्वामीजी मंडली के साथ


स्वामीजी


स्वामीजी

श्रीरंगम मंदिर से बाहर आते हुए स्वामीजी

Friday, March 11, 2011

साउथ इंडिया की यात्रा

अपने पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज के सानिध्य में हम ७५ भक्तो ने दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों का दौरा किया। सबसे पहले सभी भक्त १ मार्च को चेन्नई पहुंचे , दुसरे दिन दो बसों पर सवार होकर तिरुपति के लिए प्रस्थान किये। भगवान् बाला जी का अगले दिन दर्शन हुआ । भोजन के बाद हमारा कारवां कांचीपुरम के लिए रवाना हुआ। बीच में हम वेल्लूर गए ,जहाँ गोल्डेन टेम्पल को भी देखा। इस भव्य मंदिर को देख सब अभिभूत हो गए। रात्रि विश्राम कांचीपुरम में करने के बाद हमारा सफ़र मंदिर दर्शन का शुरू हुआ। हम प्रसिद्ध कामाक्षी देवी मंदिर गए , फिर दुसरे मंदिरों को भी देखा। उसी दिन हमारी यात्रा रामेश्वरम के लिए प्रस्थान की। रात १२ बजे हम भगवान रामनाथ के शहर में थे। दिन भर दर्शन -पूजन के बाद हम उसी दिन कन्याकुमारी के लिए रवाना हुए। रात्रि विश्राम भी वहीं हुआ। साथ में हरिद्वार, अयोध्या, काशी, चित्रकूट, प्रयाग से आये संत और श्रीमहंत भी थे। आगे की यात्रा मदुरै की थी । हम रात में वहां पहुँच गए, प्रातः काल माता कामाक्षी के मंदिर गए, गुरुवर ने विधि -विधान से पूजन किया , हम भक्तों ने माँ के दर्शन किये। श्री रंगम में भगवान रंगनाथ का दर्शन करके हमारा सफ़र चेन्नई के लिए रवाना हुआ। आठ मार्च की सुबह हम सब चेन्नई में थे , वहीं से सभी अपने -अपने शहर को रवाना ओ गए। पूज्य गुरुवर के आशीर्वाद और भगवान श्रीराम की कृपा से दक्षिण के चार धमो की यात्रा पूरी हुई ।