Sunday, January 7, 2018

प्रोफेसर सियाराम तिवारी को वर्ष 2018 का जगदगुरु रामानंदाचार्य पुरस्कार

वाराणसी के ऐतिहासिक रामानंदाचार्य पीठ, श्रीमठ द्वारा 7 जनवरी को रामानंदाचार्य जयन्ती के  त्रिदिवसीय महोत्सव के प्रथम दिन बड़ी पियरी स्थित श्रीविहारम में जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य के सान्निध्य में आयोजित संत-विद्वत-भक्त समागम के बीच विश्वभारती विश्वविद्यालय (शांति निकेतन ) के पूर्व आचार्य प्रो. सियाराम तिवारी को भक्ति साहित्य सेवा में विशिष्ट योगदान के लिए एक लाख रुपये का ''रामानंदाचार्य पुरस्कार'' प्रदान किया गया।

प्रो. सियाराम तिवारी को एक लाख रु. का पुरस्कार प्रदान करते पूर्व विधायक अजय राय
अपने सम्बोधन में प्रो.तिवारी ने कहा कि राष्ट्राध्यक्षों के द्वारा परमाणु मिसाइल दागने की धमकी के बीच मानव संस्कृति अपूर्व चुनौती के दौर में है। ऐसे कठिन युगसंक्रमण के बीच स्वामी रामानंदाचार्य जी द्वारा काशी से प्रवर्तित रामभक्ति परंपरा के शास्वत व उदात्त मानवीय मूल्य प्रासंगिक और मानवता को सही दिशा देने में समर्थ हैं।

     प्रो.तिवारी ने समारोह के साथ नियोजित "विश्वगुरूत्व और रामभक्ति परंपरा '' विषयक विद्वत संगोष्ठी के परिप्रेक्ष्य में विद्वतजनों के विचारों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि रामानंद जी की रामभक्ति परंपरा को आगे की पीढ़ी में उत्कर्ष प्रदान करने वाले गोस्वामी तुलसीदास ने भगवान राम के अनुकरणीय उदात्त चरित्र को लोकमानस में सहज स्वरूप में स्थापित कर समाज को प्रेम और मर्यादा भाव से जोड़ने का अतुलनीय योगदान दिया। तुलसी दास की कुछ आधुनिक विद्वान समूहों द्वारा आलोचनाओं का प्रामाणिक उत्तर भी प्रो.तिवारी द्वारा रचित एवं रामानंदाचार्य स्मारक न्यास द्वारा प्रकाशित ग्रंथ "सत्य कहौं लिखि कागर कोरे" ग्रंथ के माध्यम से मिला, जिसका लोकार्पण भी समारोह के बीच लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो.परशुराम पाल ने किया।
ग्रंथ लोकार्पण करते प्रो.परशुराम पाल


   समारोह में ज.गु.रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य ने कहा कि रामानंदाचार्य पुरस्कार साहित्य व संस्कृति सेवा में  विशिष्ट योगदान के समादर की परंपरा है। सम्मान के भाव का विशिष्ट महत्व सभी संस्कृतियों और सभ्यता को उत्कर्ष प्रदान करने में रहा है।

     उक्त अवसर पर श्रीमठ द्वारा उपस्थित विद्वानों का भी सम्मान किया गया। संगोष्ठी में विचार व्यक्त करने वाले  विद्वत जनों में  सर्वश्री प्रो.एम. एन.राय , प्रो.प्रभुनाथ द्विवेदी, डा.जितेंद्र नाथ मिश्र, डा.देवव्रत चौबे, प्रो.राधेश्याम दूबे व प्रो.सभापति मिश्र आदि प्रमुख रहे।
मंच पर विराजते जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज


        रामानंदाचार्य पुरस्कार से सम्मानित प्रो.तिवारी का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सविधि प्रक्रिया से सम्मान एवं अभिनंदन की विभिन्न प्रवृत्तियों को संपादित करने वालों में शामिल थे श्री अजय राय, पूर्व विधायक,अरुण शर्मा,डा. उदय प्रताप सिंह,अमूल्य शर्मा, सत्येन्द्र पाण्डेय, महेन्द्र, ए.के.राय- एडवोकेट, पं.वल्लभ पाठक, प्रो.सतीश राय आदि के अलावा   राजस्थान एवं बिहार रामानंद युवा आध्यात्मिक मंडल के सदस्यगण।मंच संचालन चंदन कुमारी ने किया। श्रीमठ के युवा  वैदिकजन ने मंगलाचरण की प्रस्तुति की। आरंभ में आद्य जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।