Friday, October 31, 2014

स्वामी रामनरेशाचार्यजी महाराज का जनकपुर प्रवास, तैयारियां शुरू

जनकपुर में विवाह पंचमी महोत्सव  के मुख्य यजमान होंगे जगदगुरु स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य जी महाराज

Janaki Temple, Janakpur, Nepal
सनातन धर्मावलम्बियों के लिए इस बार की विवाह पंचमी यानि प्रभु श्रीरामजी का सीताजी के साथ विवाह की तिथि विशेष अहम होने जा रही है। हिन्दुओं के पावन तीर्थ जनकपुर धाम (नेपाल) में आयोजित होने वाले वार्षिक मुख्य समारोह के प्रधान यजमान खुद जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य जी महाराज रहने वाले हैं। श्रीराम जानकी विवाह उत्सव 27 नवबंर और प्रभु श्रीराम का तिलकोत्सव 25 नवंबर,2014 को प्रस्तावित है।
प्रत्येक वर्ष की भांति प्रभु श्रीराम की बारात भी अयोध्या, काशी और बक्सर जैसे स्थानों से निकलेगी और
जिस रास्ते प्रभु राम जनकपुर गये थे, उसी रास्ते का अनुगमन करते हुए जनकपुर तक जाएगी। रामभक्ति परंपरा के मूल आचार्यपीठ के वर्तमान आचार्य श्रीरामनरेशाचार्य जी महाराज के जगदगुरु रामानंदाचार्य पद पर प्रतिष्ठित होने के 25 साल हो रहे हैं। इसलिए भी इस साल का महत्व काशी स्थित श्रीमठ के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व का है।
Maa Janki Temple
आचार्यश्री का कारवां श्रीमठ, काशी से 24 नवंबर को प्रस्थान करेगा। उसी दिन दोपहर में बक्सर होते हुए आरा पहुंचेगा, जहां संत, श्रमहंत और सदगृहस्थ दोपहर का भोजन और विश्राम करेंगे। फिर शाम में दर्जनों गाड़ियों के साथ ये काफिला पटना रवाना होगा। वहीं यात्रा का पड़ाव है। रात्रि विश्राम के बाद स्वामी श्रीरामनरेशाचार्यजी महाराज के सान्निध्य में यात्रा मुजफ्फरपुर के लिए प्रस्थान करेगी। दोपहर में भोजन और विश्राम वहीं होगा। उसी शाम सभी संत औऱ भक्तगण जनकपुर पहुंच जाएंगे।
बिहार के विभिन्न स्थानों पर यात्रा में शामिल लोगों के  स्वागत औऱ अभिनंदन की पुरजोर तैयारी चल रही है। रामानंदाचार्य आध्यात्मिक मंडल से जुड़े लोग देशभर से आए रहे संत-महात्मा और भक्तों के स्वागत-सत्कार की तैयारियों में जी जान से लगे हैं। यात्रा का दौरान बाहर से आ रहे अतिथियों के कोई परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
श्रीमठ, काशी से जुड़े आरा निवासी सत्येन्द्र पाण्डेय ने बताया कि श्रीराम विवाह यात्रा का पहला पड़ाव आरा में पड़ रहा है, इसलिए हमारी जिम्मेदारी कुछ ज्यादा बढ़ गयी है। आरा में अतिथियों को सुरुचिपूर्ण बिहारी व्यंजन परोसा जाएगा। यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए हर तरह के प्रबंध किये जा रहे हैं। प्रचार-प्रसार के लिए पर्चा, पोस्टर और होर्डिंग्स बनवाये जा रहे हैं।