Friday, December 27, 2013

आज देश संकट के दौर से गुजर रहा है- स्वामी रामनरेशाचार्य

डा. राधिका नागरथ महाराज श्री को गंगाजलि भेंट करते हुए
हरिद्वार 21 सितंबर। रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य महाराज ने कहा कि आज देश संकट के दौर से गुजर रहा है। देश के सामने आज धर्म, राजनीतिक और सामाजिक जीवन में चारों ओर संकट ही संकट दिखार्इ दे रहा है। हर क्षेत्र में गिरावट आर्इ है। पूरे देश में आज नैतिकता और चरित्र का पतन होता दिखाई दे रहा है।
वे कनखल में हरिगंगा सभागार में हरिद्वार के नागरिकों की ओर से जनअधिकार अभियान और गाँधी जागृति मिशन द्वारा आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में बोल रहे थे। यह अभिनन्दन समारोह स्वामी रामनरेशाचार्य महाराज के चातुर्मास के समापन के अवसर पर आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि रामानंदा सम्प्रदाय ने सामाजिक जनजागरण के लिए सराहनीय कार्य किया। रामानंदाचार्य जी की वजह से समाज में फैली सामाजिक विषमताओं को दूर किया गया। उन्होंने कहा कि भक्त रैदास से बड़ा कोर्इ भक्त नहीं था। मीराबाई समेत क बड़े विद्वानों और संतों ने रैदास महाराज से दीक्षा ली। जो भारत की सामाजिक एकता का सबसे बड़ा उदाहरण है। कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार प्राध्यापक डा. कमलकांत बुधकर ने कहा कि महाराज श्री ने चातुर्मास के माध्यम से वैदिक अनुष्ठानों के द्वारा तीर्थनगरी हरिद्वार को ऊर्जावान बनाने का कार्य किया है। उन्होंने रामानंद सम्प्रदाय को सनातन धर्म की उच्च मर्यादाओं को साबित करते हुए जाति- पाति का भेद मिटाकर समाज को एक सूत्र में बांधने कार्य किया है।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा कि महाराज श्री के हरिद्वार आगमन से ऐसा लग रहा है कि मानों शिव की नगरी में राम और शिव का मिलन हो रहा है। गुप्ता ने कहा कि राम शिव में और शिव राम में रमन करते है। कार्यक्रम की आयोजिका डा. राधिका नागरथ ने महाराज श्री को गंगाजलि भेंट करते हुए कहा कि जिस तरह माँ गंगा अपने पावन जल से हमें शीतलता प्रदान करती है वैसे ही महाराज श्री के उपदेश हमें हमेशा शीतलता प्रदान करते रहेंगे। कार्यक्रम के संचालक पुरूषोतम शर्मा गांधीवादी ने कहा कि रामानंद सम्प्रदाय के निष्काम सिद्धि का मार्ग ही नहीं बलिक दरिद्रनारायण की सेवा के लिए लोक संग्रह का मार्ग भी तय करता है। उन्होंने कहा कि स्वामी रामनरेशाचार्य वेदान्त एवं सनातन धर्म का आदर्श स्थापित कर रहे हैं। जनअधिकार अभियान के प्रदेश अध्यक्ष सुनील दत्त पांडेय ने कहा कि स्वामी रामनरेशाचार्य ने चातुर्मास के दौरान बौद्धिक गोष्ठियां करवाकर देश की ज्वलन्त समस्याओं को समाज के सामने रखा और उनके निराकरण का रास्ता भी बताया। प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय आर्य ने कहा कि चातुर्मास संतों के लिए आत्मचिंतन का अवसर प्रदान करता है। आज संत समाज में चातुर्मास की परम्परा धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। परन्तु स्वामी रामनरेशाचार्य महाराज ने इस परम्परा को पुनस्र्थापित करने का एक सराहनीय कार्य किया है। कथावाचक पंडित जयप्रकाश कौशिक ने कहा कि रामानंद सम्प्रदाय ने देश की एकता और अखण्डता के लिए अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर डा. श्यामसुन्दर दास शास्त्री ने रामानंद सम्प्रदाय को सामाजिक एकता का प्रतीक बताया। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविधालय के कुलपति डा. महावीर अग्रवाल ने कहा कि रामानंद सम्प्रदाय ने जाति बंधनों को तोड़कर समाज को न दिशा दी। इस अवसर पर हरिद्वार नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग, रामकुमार एडवोकेट, भगवत शरण अग्रवाल, इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन हरिद्वार के अध्यक्ष प्रभात कुमार, महामंत्री विनीत धीमान, प्रेस क्लब के महामंत्री रामचंद्र कन्नौजिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल, सचिव विकास चौहान, दीपक नोटियाल, महावीर नेगी, शैलेन्द्र सिंह, ललितेंद्र नाथ, मनोज रावत, अम्बरीश कुमार, नीरज छाछर, अमित कुमार, महन्त महेन्द्र सिंह, महन्त शिवशंकर गिरि, महन्त भगवानदास, महन्त रघुवीरदास, भरत शर्मा, कोमल शर्मा आदि ने रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य महाराज का स्मृति चिन्ह भेंट कर और माला पहनाकर स्वागत किया। निर्मल संस्कृत महाविधालय के छात्रों ने स्वसितवाचन कर महाराज श्री का स्वागत किया।
(साभार एक्सप्रेस इंडियन)

Thursday, December 5, 2013

श्रीराम महायज्ञ का आमंत्रण पत्र

ऐतिहासिक और पौराणिक शहर बक्सर में सात दिसंबर से 15 दिसंबर,2013 तक होने जा रहे शतमुख कोटिहोमात्मक श्रीराम महायज्ञ के लिए प्रकाशित आमंत्रण पत्र आपकी सेवा में समर्पित है.

Sriram Yagya invitation card




Sriram Yagya Program

Wednesday, December 4, 2013

पापों के प्रायश्चित को आध्यात्म की शरण में बंदी





क्सर के चरित्रवन में आयोजित शतमुख कोटिहोमात्मक श्रीराम महायज्ञ स्थल पर ओपेन जेल के बंदी पापों के प्रायश्चित को श्रम दान में लगे हैं। आयोजन समिति के निर्देश पर वे कार्य कर रहे हैं। इनका कार्य पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। यज्ञ स्थल पर कार्य करने से बंदियों को आत्मिक शांति प्राप्त हो रही है। इस अाध्यात्मिक कार्य से जुड़कर वे अपने को स्वच्छ समाज के नागरिक के रुप में ढालने का प्रयास कर रहे हैं। बंदियों की मानें तो सरकार के पहल से उन्हे मुक्त कारागार में रहने की आजादी मिली है। इसी से वे कैद में होते हुए भी सामाजिक परिवेश में अपने में हुए बदलाव को सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं । इस संबंध में अनिल सिंह एवं नारायण सिंह ने बताया कि बाहर कार्य करने के दौरान संतो का प्रवचन सुनने को मिला इससे हमारी बुद्धि में बदलाव हुआ है। यज्ञकार्य में श्रम करने में हमें काफी आनंद आ रहा है। इससे पहले किसी के चढ़ाने-बढ़ाने व जाने-अनजाने में जो अपराध हमलोगों ने किया है। वह माफी के काबिल नहीं था। हमलोग समाज व कानून दोनों के अपराधी थे। इस यज्ञ से हमें समाज के मुख्य धारा में जुड़ने का मौका मिला है। सभी हमें अपराधी के नजर से देख रहे थे। जिससे समाज हमें स्वीकार नही कर पा रहा था। ऐसे में आयोजक व सरकार के हमलोग अभारी है। श्रमदान करने वालों में ओम प्रकाश पासवान, मनोज पासवान, बिहारी महतो, महानंद यादव, गजलवा हलवाई, मुकुंददेव राउत व बड़ों बिल्दार आदि शामिल थे- सौजन्य- दैनिक जागरण,दिनांक- 5-12-2013

श्रीराम महायज्ञ की तैयारी में जुटे बक्सर ओपेन कारा के कैदी

महर्षि विश्वमित्र की पावन तपोभूमि बक्सर में पतित-पावनी गंगा के तट पर होने जा रहे शतमुख कोटिहोमात्मक श्रीराम महायज्ञ की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में है। सात मंजिले यज्ञशाला और मुख्य़ पंडाल का निर्माणकार्य लगभग पूरा हो गया है। सौ हवनकुंडों के निर्माण में भी कारीगर दिन-रात लगे हुए हैं।सबसे खास बात ये है कि यज्ञ की तैयारियों में बक्सर ओपेन जेल के दो दर्जन से ज्यादा कैदी भी लगे हैं जो विभिन्न अपराधों में सजायाफ्ता हैं। ऐसे कैदियों का मानना है कि धर्मकार्य में भाग लेने से उनके पाप कम होंगे और जीवन में शांति और सदभाव कायम होगा। जेल प्रशासन ने उन्हें पू्र्व के अपराधों के प्रायश्चित के लिए इस काम में लगाया है ताकि वे समाज जीवन की मुख्यधारा से अपने को जोड़ सकें।


Yagya Mandap
 महायज्ञ में सौ हवनकुंड बनेंगे जिसमें एक करोड़ आहुतियां दी जानी है। संत-महात्माओं के प्रवचन से पूरे नौ दिनों तक भक्ति की रसधारा मां गंगा के समानांतर बहने वाली है। इसके अलावे रामलीला और रासलीला की प्रसिद्ध मंडलियों की प्रस्तुति भी श्रद्धालुओं को देखने-सुनने को मिलेगी।


रामभक्ति की सगुण एवम् निर्गुण धारा के मूल पीठ और रामानंदी वैष्णवों के आचार्यपीठ-श्रीमठ, पंचगंगा घाट,काशी के इस आयोजन में देश भर के जाने-माने संत-महात्मा और धर्माचार्य भाग लेेने वाले हैं।

Swami Ramnareshacharya in Buxar

 श्रीराम महायज्ञ के संकल्पक जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी श्रीरामनरेशाचार्यजी महाराज स्वयं भी बक्सर पहुंच गये हैं। उनका कहना है कि इस यज्ञ से बक्सर सहित आसपास के इलाके में धार्मिक वातावरण बनेगा और आम लोगों में कृतज्ञता ज्ञापन का भाव बढ़ेगा जिसका आजकल भारी अभाव हो गया है। उन्होंने कहा कि यज्ञ में देवताओं और प्रकृति को आहुतियों के माध्यम से हम कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। जो भगवान वायु, आकाश और अग्नि के रुप में हमारी सहायता करते हैं और जीवन को आधार प्रदान करते हैं, हम उनके लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन इस यज्ञ के माध्यम से करते हैं।
Swami Ramnareshacharya near Yagya Mandap



Monday, December 2, 2013

बक्सर में परवान चढ़ी श्रीराम महायज्ञ की तैयारियां

पौराणिक शहर बक्सर के चरित्रवन स्थित सोमेश्वर स्थान पर गंगा किनारे 7 दिसंबर से होने वाले शतमुख कोटिहोमात्मक श्रीराम महायज्ञ की तैयारियां परवान पर है। इसके लिए वहां करीब सौ कारीगरों व स्वयं सेवकों के दल को तैनात किया गया है, जो दिन-रात निर्माण कार्य में जुटे हैं। इनके द्वारा काफी मेहनत-मशक्कत कर यज्ञशाला म् प्रवचन मंडप के अलावा अन्य कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यज्ञ स्थल पर रविवार को इसकी जानकारी देते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष आर के राय और सचिव राजवंश तिवारी ने बताया कि नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ का शुभारंभ वाराणसी स्थित श्रीमठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशचार्य जी महराज के सान्निध्य में 7 दिसंबर को भव्य कलश यात्र के साथ होगा। जिसका समापन समष्टि भंडारे के साथ 15 दिसंबर को होगा। उन्होंने बताया कि सौ कुंडीय महर्षि विश्वामित्र नामक यज्ञशाला का निर्माण चौदह कट्ठा भूमि पर कराया जा रहा है। यज्ञ मंडप पांच मंजिला बना है। यज्ञशाला के समीप ही वशिष्ठ मुनि के नाम पर विशाल सभागार बनाया जा रहा है। जिसमें संत समागम के अलावा रासलीला, रामलीला म् अन्य विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस मौके पर समिति के प्रवक्ता राकेश कुमार राय ‘कल्लू’, योगेश राय, सोमेश्वरनाथ मंदिर के महंत संजय दास, सिद्धनाथ राय, प्रमोद पांडेय, जितेन्द्र गिरी, प्रचार प्रभारी डा.रमेश कुमार, मनोज पांडेय, जितेन्द्र पांडेय, नंदू पांडेय, अनिल पांडेय, हरेन्द्र यादव व विजय तिवारी आदि लोग मौजूद थे
बक्सर की ऐतिहासिक धरती पर होने वाला ये अपने तरह का पहला यज्ञ है जिसमें देश के जाने-माने संत-महात्मा और धर्माचार्य सम्मिलित होंगे। प्रभु श्रीरा्म की शिक्षाभूमि पर इस बार रामानंद संप्रदाय के मूल आचार्यपीठ की ओर से ये आयोजन हो रहा है, जिसे लेकर इलाके में भारी उत्साह है।